जिंदगी बड़ा ही आसन शबद हैा पर उसे जिना उतना ही मूशकिल है ऐसा कयू हैा इस सवाल का जवाव किसी के पास नही होगा ा या शयद हो मुझे ही लगता हो कि इसका जवाव मेरे पास नही है ा कया है जिंदगी कहने को जिंदगी हमारी है पर फिर भी हम अपने हिसाब से जी नही सकते हैा चाहे घर हो या अॉफिस दूसरो की बाते हमेशा सुन्नी पड़ती हैा
जिदंगी अपनी पर जीने का तरीका अपना नही हमेशा दूसरो के इशारो पर चलते हैा अपनी खुद की जिंदगी कहा हैा जिसके लिए हम इतनी मेहनत करते है और सोचते है कि हमारा आने वाला वक्त अच्छा होगा ा पर क्या कभी सही मे वो वक्त अाता हैा
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